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अगर आपके मन में सवाल है कि आखिर ये Swing Trading क्या होता है तो आपको बिल्कुल भी चिंता करने की जरुरत नहीं है.
आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे की आखिर स्विंग ट्रेडिंग क्या होता है कैसे किया जाता है और इसमें क्या रिस्क है.
Swing ट्रेडिंग एक ट्रेडिंग करने का तरीका होता है शेयर बाजार में पैसा कमाने के लिए किया जाता है.
आज हम आपको स्विंग ट्रेडिंग के बारे में पूरी डिटेल में जानकारी देने वाले है हम आपको स्विंग ट्रेडिंग को उदाहरण से समझाएंगे और Swing Trading कैसे की जाती है और Swing Trading के क्या रिस्की है के बारे में भी विस्तार में जानकारी देने वाले है.
Swing Trading क्या होता है?(Swing Trading in Hindi)
जब आप स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करना चाहते है तो ट्रेडिंग कई प्रकार के होते है और स्विंग ट्रेडिंग में इन्ही कई प्रकार के ट्रेडिंग में से एक ट्रेडिंग करने का तरीका है.
स्विंग ट्रेडिंग एक ट्रेडिंग स्टाइल होता है जिसमे शेयर प्राइस में होने वाले शोर्ट टर्म मूवमेंट से प्रॉफिट कमाने की कोशिश किया जाता है.
स्विंग ट्रेडिंग में आम तौर पर शेयर को 1 दिन से लेकर कुछ महीनो के लिए होल्ड किया जाता है.
स्विंग ट्रेडिंग शेयर को Buy और सेल का फैसला ज्यादातर टेक्निकल एनालिसिस के आधार पर किया जाता है.
लेकिन कभी कभी ट्रेडर फंडामेंटल एनालिसिस के आधार पर भी स्विंग ट्रेडिंग करते है.
स्विंग ट्रेडिंग, Intraday ट्रेडिंग से अलग होता है. Intraday ट्रेडिंग में जहा उसी दिन शेयर से मार्केट बंद होने से पहले एग्जिट करना होता है.
वही स्विंग ट्रेडिंग में स्टॉक को कम से कम एक दिन के लिए होल्ड करना ही पढ़ता है और शेयर की होल्डिंग महीनो तक भी जा सकती है.
Swing Trading में सबसे ज्यादा इम्पोर्टेन्ट होता है की हम कब Buy और Sell करने का फैसला लेते है क्योकि इसी से decide होता है की हम शेयर प्राइस में होने वाले मूवमेंट का कितना फायदा उठा पाएंगे.
अगर आप शेयर को गलत समय में Buy करते है और गलत समय में Sell करते है तो आपको स्विंग ट्रेडिंग से फायदा होने के बजाय नुकसान हो सकता है.
किसी स्टॉक को लेकर चाहते आप बुल्लिश है या Bearish दोनों ही तरीके से आप स्विंग ट्रेडिंग कर सकते है अगर आप किसी कंपनी के स्टॉक में Bullish है तो उस कंपनी के शेयर को Buy करेंगे वही अगर आप किसी स्टॉक में bearish है तो उस स्टॉक को शोर्ट सेल करेंगे.
Swing Trading को उदाहरण से समझिए : –
एक कंपनी का शेयर 140 रु से बड़कर कुछ हप्तो में 210 रु हो जाते है और फिर वापस 170 रु में आ जाता है.
यहाँ पर शेयर प्राइस में 140 रुपये के लो से 210 के हाई तक टोटल 70 रु का मूवमेंट हुआ. इसी मूवमेंट को ही हम शेयर प्राइस में स्विंग कहते है.
कंपनी के शेयर में जरूर 70 रु का मूवमेंट हुआ है पर ये हमारे Buying और Selling पर निर्भर करेगा की हम इस 70 रु के मूवमेंट का कितना फायदा उठा पाते है.
जैसे अगर हम शेयर को 160 रुपए में खरीदकर 200 रु में सेल करेंगे तो हमें हर शेयर पर 40 रु का प्रॉफिट होगा यानी हम 70 रु के मूवमेंट में 40 रु का प्रॉफिट कर पाएंगे. जिसे बहुत ही अच्छा ट्रेड माना जायेगा.
वही अगर हम शेयर को 180 रु में Buy करके 200 रु में सेल करेंगे तो हमें हर शेयर पर सिर्फ 20 रु का ही फायदा होगा.
जिसे 70 रु के मूवमेंट को देखते हुए एवरेज ट्रेड माना जायेगा.
यानि के स्विंग ट्रेडिंग में आप किसी शेयर में कब इंटर होते है और कब एग्जिट होते है ये बहुत जरूरी होता है तभी आप स्विंग ट्रेडिंग से ज्यादा से ज्यादा फायदा उठा पाएंगे.
Swing trading कैसे करे (How to Do Swing Trading)
स्विंग ट्रेडिंग में ज्यादातर ट्रेडर शेयर प्राइस चार्ट का एनालिसिस करते है क्योकि शेयर प्राइस अपने मूवमेंट से कई प्रकार के चार्ट पैटर्न बनाते है. और इन चार्ट पैटर्न से शेयर प्राइस में होने वाले मूवमेंट का अंदाजा लगाया जाता है.
लेकिन कई बार ट्रेडर कंपनी के फंडामेंटल से जुड़े फंडामेंटल एनालिसिस न्यूज़ से भी स्विंग ट्रेड करते है.
जैसे जब किसी ट्रेडर को लगता है कि किसी कंपनी के तिमाही रिजल्ट बहुत अच्छा या बहुत बुरा होने वाला है तो ऐसे में ट्रेडर उस कंपनी के स्टॉक में स्विंग ट्रेडिंग करेंगे.
क्योकि ऐसा आम तौर पर होता है की जब कंपनी की तिमाही रिपोर्ट उम्मीद से बहुत अच्छा या बहुत बुरा आता है तो ऐसे में उस कंपनी के शेयर में बहुत ज्यादा मूवमेंट हो सकता है.
Swing Trading के नुकसान
- अगर स्विंग ट्रेडर ने शेयर प्राइस के मूवमेंट का गलत अंजादा लगा लिया तो शेयर प्राइस उलटे डायरेक्शन में जा सकता है जिससे ट्रेडर को नुकसान हो सकता है.
- वही स्विंग ट्रेडिंग में ट्रेडर स्टॉक को कुछ दिनों के लिए होल्ड करके रखता है और हो सकता है की मार्केट क्लोज होने के बाद कंपनी से रिलेटेड कुछ ख़राब न्यूज़ आ जाये.
- जिससे कंपनी का स्टॉक अगले दिन क्रेश हो जाये और ट्रेडर को नुकसान होने लगे इन रिस्क को देखते हुए सामान्यतः ट्रेडर तब ही ट्रेड करते है जब उन्हें अपने एनालिसिस पर पूरा भरोसा होता है.
- साथ ही स्विंग ट्रेडर बड़ी और अच्छी कंपनी के शेयर में ही स्वींग ट्रेडिंग करना पसंद करते है. ताकि कंपनी से जुडी न्यूज़ आने की सम्भावना कम से कम हो.
- बड़ी और अच्छे फंडामेंटल वाली कंपनी के स्टॉक में ट्रेड करना दुसरे छोटी है कंपनी के स्टॉक में ट्रेड करने की तुलन में कम रिस्की होता है.
- Intraday की तुलना में ज्यादा कैपिटल की जरुरत होती है.
- Intraday की तुलना में आपको कम फ़ायदा होता है.
- स्विंग ट्रेडिंग में आपका पैसा ज्यादा दिन के लिए फंस जाता है.
Swing trading के फायदे
- अगर आपको अच्छे से टेक्निकल एनालिसिस और चार्ट देखना आता है तो आप स्विंग ट्रेडिंग से अच्छा प्रॉफिट कमा सकते है.
- स्विंग ट्रेडिंग कम समय में अच्छा प्रॉफिट कमाने का मौका देता है.
- स्विंग ट्रेडिंग अगर आप बड़ी और मजबूत कंपनी में करते तो आपका रिस्क बहुत कम हो जाता है.
- स्विंग ट्रेडिंग दुसरे ट्रेडिंग की तुलना में ज्यादा सरल होता है.
- स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए आपको दिन भर अपने कंप्यूटर से चिपके रहने की जरुरत नहीं होती है आप बिच बिच में ही प्राइस चेक कर सकते है.
- अगर आपको चार्ट देखना नही आता है आपको टेक्निकल एनालिसिस भी नहीं आता है फिर भी आप सिर्फ न्यूज़ की जानकरी रखकर स्विंग ट्रेडिंग कर सकते है अपना प्रॉफिट बना सकते है.
- स्विंग ट्रेडिंग से कोई नया ट्रेडर भी पैसा कमा सकता है.
निष्कर्ष
जब आप किसी कंपनी के स्टॉक को 1 दिन से ज्यादा दिनों के लिए होल्ड करते है और उसके प्राइस से होने वाले मूवमेंट से प्रॉफिट करते है तो इसे ही स्विंग ट्रेडिंग कहते है, Swing trading दुसरे trading की ही तरह रिस्की होते है.
हर तरीके के ट्रेडिंग में बहुत ज्यादा रिस्क होता हिया और अगर ट्रेडिंग में नए है तो हमे पहले ट्रेडिंग अच्छे से सीखकर बिलकुल कम अमाउंट में शुरू करना चाहिए और जब तक हम थोडा प्रॉफिट न बनाने लगे हमें बड़े अमाउंट से ट्रेड नहीं करना चाहिए.
आज के आर्टिकल में हमने जाना की स्विंग ट्रेडिंग क्या होता है और स्विंग ट्रेडिंग कैसे किया जाता है और ये भी जाना की आखिर स्विंग ट्रेडिंग में क्या रिस्क होता है.
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Swing Trading क्या होता है Related FAQs:
स्विंग ट्रेडिंग कितने दिनों के लिए किया जाता है?
Swing Trading को आप 1 दिन से कुछ महीनो के लिए भी कर सकते है.
स्विंग ट्रेडिंग करते समय क्या देखना चाहिए?
Swing trading करते समय आप टेक्निकल एनालिसिस कर सकते है या फिर कम्पनी के फंडामेंटल या न्यूज़ के आधार पर भी स्विंग ट्रेडिंग कर सकते है.
स्विंग ट्रेडिंग के लिए कौन सा स्टॉक अच्छा है?
स्विंग ट्रेडिंग के लिए बड़ी और मजबूत कंपनी के स्टॉक को चुनना चाहिए इससे आपका रिस्क बहुत कम हो जाता है.
इंट्राडे ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग में क्या अंतर होता है?
Swing Trading और Intraday Trading में ये अंतर है की intraday ट्रेडिंग में शेयर को उसी दिन buy और sell करना होता है लेकिन स्विंग ट्रेडिंग में शेयर को आप 1 दिन से ज्यादा दिन के लिए होल्ड करते है.
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