आज हम आपको बताएंगे कि Share Market में Operator कौन होते है. अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो अपने अखबारों, टीवी, या न्यूज़ चैनल में, या फिर यूट्यूब में कभी ना कभी ऑपरेटर के बारे में जरूर सुना होगा.
जब से शेयर बाजार वजूद में आया है तभी से ऑपरेटर का नाम सुनते मिलता है. शेयर बाजार में यह ऑपरेटर बहुत ही शक्तिशाली होते हैं और अपने फायदे के लिए कार्य करते हैं.
हम आपको इस लेख के माध्यम से ऑपरेटर को समझने की कोशिश करेंगे और जानेंगे कि Share Market में Operator कौन होते है, यह कैसे कार्य करते हैं, और इनका मकसद क्या होता है.
Share Market में Operator कौन होते है?
Share Market में Operator कौन होते है इसका जवाब यह है कि शेयर बाजार में ऑपरेटर वे लोग होते हैं जो अपने फायदे के लिए पूरे शेयर बाजार को या फिर पार्टिकुलर किसी एक कंपनी के शेयर के प्राइस को ऊपर नीचे करने की क्षमता रखते हैं.
यह ऑपरेटर अपने खुद के प्रॉफिट के लिए कार्य करते हैं या फिर किसी कंपनी या किसी संस्था के लिए उनके द्वारा बताए गए किसी खास शेयर को ऊपर ले जाकर या नीचे ले जाकर फायदा कमाते हैं.
किसी पार्टिकुलर कंपनी को अपने हिसाब से ऊपर नीचे करने को ही स्टॉक मैनिपुलेशन कहते हैं. यह ऑपरेटर बहुत सारे कैपिटल के साथ शेयर बाजार में आते हैं और एक साथ किसी खास कंपनी के शेयर में खरीदारी या फिर बिक्री शुरू कर देते हैं.
जिससे उसे कंपनी के शेयर प्राइस में अचानक से बढ़ोतरी या फिर अचानक से गिरावट देखने को मिलता है.
अगर कोई ऑपरेटर किसी खास कंपनी के शेयर प्राइस को ऊपर ले जाना चाहता है तो उसे खास कंपनी के शेयर प्राइस को अचानक से ज्यादा संख्या में खरीदना शुरू कर देता है जिसकी वजह से उस शेयर की डिमांड बढ़ जाती है और शेयर का प्राइस ऊपर जाने लगता है.
इसी तरीके से अगर कोई ऑपरेटर किसी कंपनी के शेयर को गिराना चाहती है तो अचानक से उस कंपनी के शेर की शॉर्ट सेलिंग शुरू कर देती है जिससे कंपनी का शेर नीचे की ओर गिरने लगता है.
Operator को इससे क्या फायदा होता है?
जैसे कि आप सबको पता है जो भी इंसान शेयर बाजार में आता है सबका एक ही मकसद होता है शेयर बाजार से पैसा कमाना. इसी तरीके से ऑपरेटर भी शेयर बाजार में पैसे कमाने की मकसद से आते हैं.
जब किसी कंपनी के शेयर को यह ऑपरेटर लगातार ऊपर लेकर जाते हैं तो आम निवेदक को लगता है कि जरूर इस कंपनी में कोई बात है.
इसीलिए कंपनी का शेयर लगातार ऊपर जा रहा है ऐसे में जब आम निवेशक इस कंपनी में ऊपर के प्राइस में प्रवेश करते हैं.
तो ये ऑपरेटर ऊपर के प्राइस में आम निवेशक को सारा शेयर बेचकर निकल जाते हैं जिससे आम निवेशक को नुकसान होता है और ये ऑपरेटर प्रॉफिट कमा लेते हैं.
Operator कैसे कार्य करते है?
शेयर बाजार में ऑपरेटर के कार्य करने का तरीका यही होता है कि ये ऑपरेटर हमेशा किसी पेनी स्टॉक जिसका मार्केट कैप बहुत छोटा है उसी को टारगेट करते हैं.
क्योंकि पेनी स्टॉक जिसका मार्केट कैप बहुत छोटा है उसके शेयर प्राइस को बड़ी आसानी से Manipulated किया जा सकता है.
वहीं अगर हम बड़ी लार्ज कैप स्टॉक जैसे की रिलायंस, भारतीय एयरटेल, इंफोसिस जैसी बड़ी कंपनी जिनका मार्केट कैप बहुत बड़ा है. ऐसे स्टॉक को ऑपरेट करना इन ऑपरेटर के लिए इंपॉसिबल सा है.
आपने देखा होगा कि 1 रु वाले, 2 रु वाले पेनी स्टॉक जिनका मार्केट कैप बहुत ही छोटा होता है उनके शेयर प्राइस तेजी से कभी ऊपर जाते हैं तो कभी नीचे जाते हैं और आम निवेशक सबसे ज्यादा अपना पैसा इन्हीं स्टॉक में खोते हैं.
Operator को कैसे पहचाने?
बहुत बार हमने देखा है कि कई सारे पेनी स्टॉक जिनका मार्केट कैप बहुत छोटा रहता है. इन कंपनी के बिजनेस के परफॉर्मेंस में कुछ भी ग्रोथ देखने को नहीं मिलता है लेकिन फिर भी उसे कंपनी के शेयर प्राइस में अचानक से बहुत ज्यादा तेजी देखने को मिलती है.
इसका मतलब यही है कि उस कंपनी के शेयर प्राइस को ऑपरेटर द्वारा ऊपर लेकर जाया जा रहा है. ऐसी कंपनी जिसका फंडामेंटल खराब है और कंपनी का बिजनेस दिन ब दिन लगातार खराब होते जा रहा है ऐसे में भी उस कंपनी के शेयर प्राइस में लगातार तेजी देखने को मिल रही है तो आप समझ जाइए कि इस कंपनी में जरूर कोई गड़बड़ है और ऐसे कंपनी से आप दूर रहे.
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